मध्य प्रदेश

Sidhi news, 25 हजार विद्युत प्रहरियों की भर्ती योजना गुल, तीनो बिजली कंपनियों के इलाकों मे बिजली चोरी रोकने के लिए हुई थी प्लानिंग।

Sidhi news, 25 हजार विद्युत प्रहरियों की भर्ती योजना गुल, तीनो बिजली कंपनियों के इलाकों मे बिजली चोरी रोकने के लिए हुई थी प्लानिंग।

विराट वसुंधरा सीधी:-
प्रदेश सहित जिले मे बिजली चोरी रोकने के लिए तीनो विद्युत वितरण कंपनियों(मध्य, पूर्व,पश्चिम क्षेत्र)ने 25 हजार विद्युत प्रहरी तैनात करने की योजना बनाई थी,लेकिन अब तक एक को भी नियुक्ति नहीं दी गई।राजस्व विभाग के कोटवार की तर्ज पर ये नियुक्तियां होनी थी।विद्युत प्रहरियों को वेतन के अलावा बिजली चोरी पकड़ने पर इंसेटिव भी दिया जाना था।एमपी पावर मैंनेजमेंट कंपनी ने तीनो बिजली कंपनियों को अपने-अपने स्तर पर यह भर्ती करने के लिए सर्कुलर भी जारी किए थे,लेकिन किसी भी कंपनी ने इसे विद्युत प्रहरियों की भर्ती नहीं की है।12वी तक पढ़े हजारों युवा इस नौकरी का इंतजार कर रहे हैं।
मध्य, पूर्व और पश्चिमी क्षेत्र बिजली कंपनियों मे करीब 40 हजार से ज्यादा ऐसी डीपी और ग्रिड हैं, जहां चोरी हो रही हैं।इनमे से करीब 2 हजार डीपी सीधी की पूर्वी क्षेत्र बिजली कंपनी की है।जहां सबसे ज्यादा चोरी हो रही हैं।इनमे 20-25 फीसदी तक बिजली का नुकसान हो रहा है।अगर तीनो बिजली कंपनियों का अनुमान लगाया जाए तो 30 से 55 फीसदी तक का नुकसान सबसे बड़ा कारण बिजली चोरी है।

वेतन के साथ इंसेटिव भी दिया जाना था।

योजना के मुताबिक विद्युत प्रहरियों का मूल काम बिजली चोरी पकड़ना था।इसके लिए उन्हें सरकार की ओर से वेतन दिया जाना था।इसके अलावा वे जितने रुपए की बिजली चोरी पकड़ते हैं उतना ही उन्हें इंसेटिव भी दिया जाता।विद्युत प्रहरी बनने के लिए 10 वी या 12 वी तक की पढ़ाई अनिवार्य होना थी।ताकि वो बिजली चोरी और अपने क्षेत्र की लाइन का रिकार्ड भी मेंटेन कर सके।

गांव कोटवार की तर्ज पर डीपी के हिसाब से भर्ती होने थे विद्युत प्रहरी।

बिजली चोरी रोकने के लिए इन कंपनियों मे विद्युत प्रहरियों को भर्ती करने की योजना तीन साल पहले बनाई थी।जिस तरह कोटवार की नियुक्ति गांव की सीमा के हिसाब से होती है,ठीक उसी प्रकार विद्युत प्रहरी की नियुक्ति डीपी के हिसाब से की जानी थी।इन विद्युत प्रहरियों को अपनी डीपी से सप्लाय होने वाली बिजली की लाइन पर नजर रखना थी।जहां कही भी उन्हें चोरी की आंशका होती वहां की सूचना मुख्यालय में बैठे अधिकारियों तक पहुंचाना थी।फिर अधिकारी इसी सूचना का उपयोग कर छानबीन कर बिजली की चोरी पकड़कर कार्यवाही करते।हालांकि यह भर्ती अब तक नहीं हुई है।प्रहरियों की भर्ती नहीं होने से तीनों कंपनियों को हर साल बिजली चोरी के कारण करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है।

मध्य क्षेत्र कंपनी ने तो चोरी की सूचना पर इनाम शुरू किया।

मध्य क्षेत्र की कंपनी ने तो बिजली चोरी रोकने के लिए मर्ई महीने में एक नर्ई योजना शुरू की है।जो सख्स बिजली चोरी की शिकायत करेगा,उसे इनाम दिया जाएगा।बिजली चुराने वाले आरोपी से जो राशि वसूली की जाएगी, उसका 10 प्रतिशत चोरी की सूचना देने वाले को इनाम के तौर पर दिया जाएगा।कंपनी ने इसके लिए विजिलेंस टीम का गठन किया है।

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